होली से शरद पूर्णिमा तक महाकाल करेंगे ठंडे जल से स्नान



चैत्रकृष्ण प्रतिपदा से तीन आरतियों का समय भी बदल जाएगा

 उज्जैन । वर्ष में दो बार ऋतु परिवर्तन के साथ भगवान महाकाल के स्नान और आरतियों में परिवर्तन होता रहा है। शास्त्रों के अनुसार होली से ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत मानी जाती है। इस कारण होली के दिन से शरद पूर्णिमा तक भगवान महाकाल ठंडे जल से स्नान आरंभ करेंगे। इन 6 महीनों में महाकाल की नियमित होने वाली 5 में से 3 आरतियों का समय भी बदल जाएगा। 
पं. आशीष पुजारी ने बताया कि वर्ष में दो बार शीत व ग्रीष्म ऋ तु के आरंभ में भगवान महाकालेश्वर की दिनचर्या बदलती है। कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से सर्दी की शुरुआत मानी जाती है। इस दिन से फाल्गुन पूर्णिमा तक छह माह भगवान महाकाल गर्म जल से स्नान करते हैं। वहीं शास्त्रों में चैत्रकृष्ण प्रतिपदा से गर्मी की शुरुआत मानी जाती है, इस दिन से शरद पूर्णिमा तक भगवान ठंडे जल से स्नान करते हैं। इस बार 25 मार्च को चैत्र कृष्ण प्रतिपदा आ रही है। इस दिन होली है और इसी रोज से शरद पूर्णिमा तक आने वाले 6 महीने भगवान शीतल जल से स्नान आरंभ कर देंगे। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में भस्म आरती तडक़े 4 बजे हो रही है, जो होली के दिन से इसी समय होगी। लेकिन सुबह 7.30 बजे होने वाली बालभोग आरती सुबह 7 बजे होगी। वहीं 10.30 बजे होने वाली भोग आरती सुबह 10 बजे से होने लगेगी। अभी संध्या पूजा शाम 5 बजे, संध्या आरती शाम 6.30 बजे और शयन आरती रात 10.30 बजे होती है। इनमें से केवल संध्या आरती का समय 7 बजे हो जाएगा।