होली से पहले लग गया मांगलिक कार्यों पर ब्रेक


खरमास आरंभ होने के बाद कल से होलाष्टक भी शुरू हो गया जो

उज्जैन। होली से पहले 14 मार्च से खरमास लगने के बाद तथा रविवार 17 मार्च से होलाष्टक शुरू होने के कारण मांगलिक कार्यों पर ब्रेक लग गया है। इस दौरान विवाह, ग्रह प्रवेश, मुंडन आदि मांगलिक कार्य नहीं किया जा सकेंगे।

 रंगो और खुशियों को बिखेरने वाला साल का सबसे प्रिय त्योहार होली इस बार 25 मार्च के दिन मनाया जाएगा। जहां लोगों में होली खेलने की एक तरफ धूम दिखेगी, वहीं हिंदू धर्म के कुछ मांगलिक कार्यों पर होलाष्टक लगने के बाद से रोक लग गई है। होली से 11 दिन पहले ही सभी मांगलिक कार्य जैसे कि विवाह, मुंडन, ग्रह प्रवेश समेत कई शुभ कार्यों पर ब्रेक लग गया है।

मांगलिक कार्य इस वजह से होंगे वर्जित..

जहां एक तरफ लोगों में होली के उत्सव को मनाने की खुशियां झलक रही हैं, वहीं मांगलिक कार्यों पर खरमास, होलाष्टक और चंद्र ग्रहण के चलते रोक लग जाएगी

 ज्योतिष आचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया है कि इस बार होली से पहले खरमास, होलाष्टक प्रारंभ हो गये है और होली के दिन चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ऐसे में मांगलिक कार्य करना अशुभ माना जाता है।

चार दिन पूर्व शुरू हो चुका खरमास....

 इस बार 14 मार्च  से खरमास प्रारंभ हो गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार खरमास में कोई भी मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं माना जाता है। यह खरमास पूरे 1 महीने तक रहेगा। इस लिहाज से यह खरमास 14 मार्च से शुरू हो गया और 13 अप्रैल  को समाप्त हो जाएगा। हिंदू धर्म के अनुसार इस बीच कोई भी मांगलिक नहीं किए जाएंगे।

रविवार से लग गया होलाष्टक..

ज्योतिष आचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि होली से ठीक 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार होलाष्टक 17 मार्च रविवार को सुबह 9 बजकर 53 मिनट से शुरू हो गया और इसका समापन 24 मार्च को होगा। शास्त्रों में भी होलाष्टक के दौरान विवाह, मुंडन, नामकरण संस्कार आदि मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं माना जाता है।

होली के दिन ही चंद्र ग्रहण...

 होली जिस दिन मनाई जाएगी उस दिन चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है और चंद्र ग्रहण से ठीक 9 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण इस बार 25 मार्च को सुबह 10 बजकर 23 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। इसका सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। लेकिन यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं लग रहा है इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं माना जाएगा। ग्रहण के दौरान जब से सूतक काल प्रारंभ होता है उस दौरान कुछ भी नहीं खाना चाहिए और काई भी शुभ काम चंद्र ग्रहण के दौरान नहीं करना चाहिए।

कौन-कौन से कार्य नहीं किए जाएंगे इस दौरान 

खरमास, होलाष्टक और चंद्र ग्रहण के दौरान विवाह, नामकरण, बच्चों का मुंडन, ग्रह प्रवेश या नया घर खरीदना, धार्मिक अनुष्ठान जैसे कि यज्ञ-हवन आदि मांगलिक कार्य करना हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार वर्जित माना जाता है। इस दौरान इन मांगलिक कार्यों को करने से दोष लगता है और जीवन में परेशानियां बनी रहती हैं। इसलिए इस दौरान बहतर होगा कि ये कार्य न करें।